Sandeep Kumar

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लेखनी कहानी -19-Feb-2025

एक हमारे 
दिलदार हो गए
आंखों के 
सिंगर हो गए 

छा गए नयन चुंबी सा
पतवार हो गए 
भांति-भांति 
फूलों की प्यार हो गए

कतरे-कतरे में 
बसी रानी बहार हो गए 
धड़कन में 
कंठ हार हो गए 

चुरा ली अखियां 
बिंदीयां आसार हो गए 
तृप्ति 
दिल दार हो गए 

नुमाइ करती 
खतरे, खार हो गए
जिगर की पहेली 
संसार हो गए 

छुपन छुपाई
तरफ दार हो गए
बेबस 
सुंदरी सिंगार हो गए 

चाहता रहा टूट कर
दिल ठोकरों का बाजार हो गए 
ऐसी एक लड़की से 
अंजाने में प्यार हो गए 

हाथ पांव बंधे रहे 
सिंगार, सिंगर हो गए 
बेवफा से 
ऐसे प्यार हो गए

एक हमारे,,,,
संदीप कुमार अररिया बिहार 
© Sandeep Kumar

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1 Comments

hema mohril

26-Mar-2025 04:56 AM

amazing

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